चार भारतीयों ने महिंद्रा आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में पदक पक्के किए

लवलीना, नीतू, निखत और स्वीटी सेमीफाइनल में पहुंची; विश्व चैंपियन कियान, खलजोवा और ओलंपिक पदक विजेता इरमा के भी पदक पक्के, सेमीफाइनल गुरुवार को

 

नई दिल्ली, 22 मार्च, 2023: अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए भारतीय स्टार मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन, नीतू गंघास, निखत जरीन और स्वीटी बूरा ने शानदार जीत दर्ज कर ली और यहां नई दिल्ली के इंदिरा गांधी खेल परिसर में जारी महिंद्रा आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचकर टूर्नामेंट में भारत के लिए चार पदक पक्के कर दिए।

लवलीना (75 किग्रा) ने शानदार फॉर्म जारी रखते हुए पिछले साल की विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता मोजांबिक की रेडी ग्रामाने को 5-0 से हराकर विश्व चैंपियनशिप में तीसरा पदक अपने नाम किया। 25 वर्षीय भारतीय मुक्केबाज ने अपना शानदार प्रदर्शन किया और सर्वसम्मत निर्णय से अपने प्रतिद्वंद्वी को हरा दिया।

लवलीना ने मैच के बाद कहा, ”कोचों ने मुझे बताया था कि आज कैसे खेलना है और इसने सफलतापूर्वक काम किया क्योंकि मैं अच्छी तरह से मुकाबला करने में सक्षम थी। मैं इस भार वर्ग में सहज महसूस करती हूं और प्रतियोगिताओं में अपने प्रदर्शन के साथ मैंने इसे अच्छी तरह से अपनाया है। आज का पदक मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन मैं कांस्य पदक से संतोष नहीं करना चाहती क्योंकि यह आगामी एशियाई खेलों के लिए भी महत्वपूर्ण होने जा रहा है।”

ओलंपिक पदक विजेता लवलीना अब सेमीफाइनल में 2018 विश्व चैंपियन और दो बार की ओलंपिक पदक विजेता चीन की ली कियान के खिलाफ एक हाई प्रोफाइल मुकाबले के लिए रिंग में उतरेंगी।

इससे पहले, दिन के मुकाबलों में साल 2022 राष्ट्रमंडल खेलों की चैंपियन नीतू (48 किग्रा) दो बार की विश्व कांस्य पदक विजेता जापान की मडोका वाडा के खिलाफ मुकाबले में उतरीं। उन्होंने दूसरे राउंड में आरएससी (रेफरी के द्वारा मुकाबला रोके जाना) के आधार पर जापान की माडोका वाडा को हराया। शुरुआत से ही आक्रमण रुख अपनाने वाली 22 वर्षीय मुक्केबाज को अनुभवी जापान की मुक्केबाज के खिलाफ ज्यादा पसीना नहीं बहाना पड़ा और बाउट पर उनका पूरा नियंत्रण था। इस तरह उन्होंने अपने और भारत के लिए कम से कम एक कांस्य पदक पक्का किया।

नीतू ने मुकाबले के बाद कहा, ”मैं अब तक रिंग में अपने अभ्यास का शत प्रतिशत उपयोग करने में सक्षम रही हूं और अगले दौर में पहुंचने पर मुझे अच्छा लग रहा है कि मैंने आरएससी द्वारा अपने तीनों मुकाबले जीते हैं। वह (माडोका) मेरी तरह ही आक्रामक है और टूर्नामेंट में मैं पहली बार उनका सामना कर रही थी। मुझे पूरा ध्यान देना था और आक्रमण करना था। मैं पहले दौर से ही काउंटर पर थी। लेकिन मुझे लगता है कि मुझे थोड़ा और आक्रमण करना चाहिए था और मैं अपनी अगली बाउट में ऐसा करने की कोशिश करूंगी। (पिछले संस्करण के क्वार्टर में हार के बाद) मुझे लगा कि चूंकि इस साल भारत में टूर्नामेंट हो रहा है, घरेलू समर्थन के साथ हमें लगातार समर्थन मिल रहा है। मैं इस बार पदक को अपने हाथ से नहीं जाने दूंगी।”

सेमीफाइनल में अब नीतू का सामना मौजूदा एशियाई चैंपियन और पिछले साल की विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता कजाकिस्तान की अलुआ बाल्किबेकोवा से होगा। दोनों मुक्केबाज इससे पहले पिछले साल की विश्व चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में एक-दूसरे के खिलाफ रिंग में उतर चुकी हैं।

नीतू की जीत के बाद, निखत (50 किग्रा) ने अपने खिताब बचाओ अभियान को सफलतापूर्वक जारी रखते हुए दो बार की विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता थाईलैंड की चुथमत रक्सत के खिलाफ बाउट रिव्यू के बाद कड़े मुकाबले में 5-2 से जीत दर्ज की। दोनों मुक्केबाज अपने खेल में शीर्ष पर थीं और इस बाउट में जीत हासिल करने के लिए उन्होंने अपना सब कुछ झोंक दिया। हालांकि 26 वर्षीय भारतीय निखत ने अपने थाई प्रतिद्वंद्वी को पछाड़ने और जीत के साथ शीर्ष पर आने के लिए अपनी बेहतर तकनीकी क्षमता का उपयोग किया।

निखत ने मैच के बाद कहा, “हां, आज का मुकाबला मुश्किल था लेकिन मैं विभाजित निर्णय से जीती इसलिए मैं वास्तव में खुश हूं कि मैंने अपने देश के लिए पदक हासिल किया और आगे चलकर मैं स्वर्ण पदक भी जीतूंगी। मेरी रणनीति आज पहले दो राउंड में जीतने की थी मैंने दोनों राउंड जीते लेकिन प्रत्येक में 3:2 से, इसलिए अंतिम राउंड में मैंने एक लंबी रेंज से खेलने का लक्ष्य रखा। हालांकि बहुत अधिक जकड़न थी इसलिए मेरा शरीर थोड़ा थक गया। अब तक मैंने जितनी भी बाउट की हैं वे कठिन थीं, लेकिन मेरे लिए आगे बढ़ते रहना और उन्हें हराना एक अच्छा अनुभव रहा है। इसलिए उम्मीद है कि मैं इसी तरह आगे बढ़ती रहूंगी और अपने देश के लिए लड़ूंगी।”

निखत अब सेमीफाइनल मुकाबले में रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता कोलंबिया की इंग्रिट वालेंसिया से भिड़ेंगी।

निखत के विपरीत, तीन बार की एशियाई पदक विजेता स्वीटी (81 किग्रा) ने 2018 विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता बेलारूस की विक्टोरिया केबीकावा के खिलाफ 5-0 से शानदार जीत दर्ज की। टूर्नामेंट के अपने पहले मैच में, हरियाणा की इस अनुभवी मुक्केबाज ने पूरे बाउट में बेहद आत्मविश्वास दिखाया और सटीक मुक्के मारे। वह अपने अगले मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की एम्मा-सू ग्रीनट्री से भिड़ेंगी।

टूर्नामेंट में चार पदक हासिल करने के बाद, भारत ने पिछले विश्व चैंपियनशिप संस्करण से अपना रिकॉर्ड बेहतर किया है जहां उन्होंने तीन पदक जीते थे।

वहीं, दो बार की विश्व युवा चैंपियन साक्षी चौधरी (52 किग्रा), 2022 विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता मनीषा मौन (57 किग्रा) और जैस्मिन लम्बोरिया (60 किग्रा) के साथ-साथ नूपुर श्योराण (+81 किग्रा) अच्छा प्रयास करने के बावजूद क्वार्टर फाइनल में हार गईं।

इस बीच, हैवीवेट के रोमांचक मुकाबले में कजाकिस्तान की 2016 विश्व चैंपियन वेलेंटीना खलज़ोवा (75 किग्रा) ने पांच बार की विश्व पदक विजेता तुर्की के एलिफ गुनेरी को 4-0 से हरा दिया। 2020 ओलंपिक कांस्य पदक विजेता इटली की इरमा टेस्टा (57 किग्रा) और 2018 एशियाई खेलों के चैंपियन ओह यिओन जी (60 किग्रा) ने भी 5-0 की जीत के साथ सेमीफाइनल में प्रवेश किया।

विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2023 में 65 देशों की कई ओलंपिक पदक विजेताओं सहित 324 मुक्केबाज भाग ले रही हैं। ये मुक्केबाज 12 अलग-अलग भार वर्गों में अपनी चुनौती पेश कर रही हैं।

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